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mugal Saltanat tatha shashak

 

अकबर

शासन का समय-1556-1605

जन्म-अमरकोट(पाकिस्तान) के राजा वीरसाल के घर में 1542 में

बचपन का नाम-जलालुद्दीन

राज्याभिषेक- पिता हुमांयु की मृत्यु के समय वह मात्र 13 वर्ष 4 महीना के थे जिससे इनका राज्यभिषेक बैरम खा की देख रेख में पंजाब के गुरुद्वास पुर जिले के कालानौर स्थान पर 1556 में हुआ |


अकबर द्वारा लड़े गये युद्ध

पानीपत का द्वितीय युद्ध(1556)-हेमू तथा अकबर के बीच

पानीपत का द्वितीय युद्ध अकबर के संस्थापक बैरम खां और मोहम्मद आदिल शाह सुर के वजीर एवं सेनापति हेमू(जिसने दिल्ली पर अपना अधिकार कर लिया था )के बीच हुआ था, हेमू की पराजय हुयी |

 

हल्दी घाटी का युद्ध

 

 

 

अकबर के दवरा लिए गये कार्य

मजहर 1579

1579 में अकबर ने मजहर को जारी किया जिसके अनुसार भारत में इस्लाम धर्म से सम्बन्धित विवादों के बारे में निर्णय करने का अधिकार स्वयं अकबर ने लिया |

अकबर के शासन को-हिन्दी साहित्य का स्वर्णकाल कहते है |

 

दीन --एलाही धर्म 1585

अकबर ने 1585 में दीन--एलाही धर्म की स्थापना की| दीन--एलाही धर्म को अपनाने वाला पहला व्यक्ति अकबर स्वयं खुद था और पहला हिन्दू बीरबल था |

 

अकबर दवरा लिए गए प्रमुख निर्णय

 

1562-दास प्रथा का अन्त

1563-तीर्थ यात्रा कर समाप्त

1564-जजिया कर समाप्त(हिन्दुओं पर लगने वाला कर)

1582-दीन--एलाही की घोषणा

1583-पशुबध पर निषेध

 

अकबर के द्वारा 1564 में हिन्दुओं पर लगने वाले जजिया कर को समाप्त कर दिया गया था जिसको औरंगजेब ने अपने शासन काल में पुनः चालू कर दिया था |

 

 

अकबर के दरबार में 9 रत्न

बीरबल

बचपन नाम-महेश दास 

बीरबल अकबर के प्रसिद्ध सलाहकार थे

 

तानसेन

एक प्रसिद्ध संगीतयज्ञ

रचनाएँ-मियां  मल्हार,  टोडी, काढ़ा भरण, वाणी-विलास आदि प्रमुख थी |

मुल्ला दो प्याजा

अब्दुल रहीम खान खाना

 राजा मानसिंह

राजा तोड़ल मल

फेजी

अब्दुल फजल

हाकिम तुकुम

 

जहाँगीर

शासन समय-(1605 -1627)

 बचपन का नाम-सलीम 

माता-अकबर  पत्नी मरियम उज्जमानी ने अकबर को जन्म दिया था

 

राज्यभिषेक- जहाँगीर का राज्यभिषेक 1605 में आगरा के किले में नूरुद्दीन मोहम्म्मद जहाँगीर नाम हुआ  |

 

विवाह-

जहाँगीर के तीन विवाह हुये

*पहला विवाह-जयपुर के राजा भगवानदास की पुत्री से

*दूसरा विवाह-राजा उदय सिंह  पुत्री जगत गोसाई से

*तीसरा विवाह-फारस के सुल्तान नीर्जागयब की पुत्री मेंहरूनीसा से जिसका नाम जहाँगीर ने बदल कर नूरजहाँ दिया था |

नोट:-

*जहाँगीर का काल चित्रकारिता का स्वर्ण काल कहलाता है |

*जहाँगीर के चित्रकार- अबुल हसन

*मुग़ल काल की मुख्य भाषा- फ़ारसी

*जहाँगीर के राज्यकाल में मुग़ल साम्राज्य की सबसे बड़ी सफलता -मेवाङ के राजपूतों पर विजय थी |

*जहाँगीर की आत्मकथा-तुजुक--जहाँगीर

*निर्माण कार्य-अकबर का स्मारक- सिकन्दरा में, लाहौर में मस्जिद, शालीमार बाग-श्री नगर

 

जहाँगीर ने अपने शासन काल में चार महत्वपूर्ण विजयें प्राप्त की-मेवाङ विजय, कांगड़ा विजय, अहमदनगर विजय, खुसरों के विद्रोह का दमन  |

 

जहाँगीर के शासनकाल में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की गतिविधियाँ प्रारम्भ हुयी थी जहाँगीर शासन काल में ही 3 यूरोपीय यात्री भारत आये |

1-विलियम हाकिन्स 1608(पहला अंग्रेज जो भारत आया)

2-सर टामस रा 1615

3- विलियम फिन्च 

 

 

 

शाहजहां

*शासन काल-1627-1657

*जन्म-6 जनवरी

*बचपन का नाम- खुर्रम

*शाहजहाँ उपाधि- यह उपाधि उसके पिता जहाँगीर ने दक्षिण भारत पर विजय के पश्चात् दी|

 *विवाह- शाहजहाँ के  दो विवाह हुये पहला 1601 में  दूसरा 1602 में आरिफ खां की पुत्री अर्जुमन्द बनो से जिसे शाहजहाँ ने मुमताज बेगम नाम दिया |

 

*सिहांसन रोहण- शाहजहाँ 1628 में मुग़ल बादशाह बना

निर्माण कार्य

*दिल्ली के लाल किले में-दीवाने खास, दीवाने आम, रंगमहल का निर्माण

*दिल्ली की जमा मस्जिद का निर्माण

*म्यूर सिहाँसन का निर्माण

*आगरा का ताज महल का निर्माण (मुमताज बेगम की याद में)

*आगरा के किले में खास महल, अंगूरी बाग, मुसम्मन बुर्ज, मच्छी भवन, शीश महल, मोती मस्जिद का निर्माण

 

म्यूर सिहाँसन

*म्यूर सिहाँसन के मुख़्य कलाकार-बादल खां

*शाहजहाँ के शासन काल में इस पर बैढने वाला पहला व्यक्ति शाहजहाँ खुद था उसके बाद फारस का एक लुटेरा नादिर शाह म्यूर सिहाँसन को लूट कर ले गया |

*म्युर सिहाँसन पर अन्तिम बार बैढने वाला व्यक्ति मामूद शाह रंगीला था

 

आगरा का ताज महल

*मुख्य कलाकार- अहमद लाहौरी

*शाहजहाँ की सात संताने थी जिनमे सबसे प्रिय सन्तान औरंगजेब और दारा सिको थी |

उत्तराधिकारी के लिये औरंगजेब और दरासिको के मध्य युद्ध हुआ था जिसमे औरंगजेब ने दारासिको को हरा कर अगला मुग़ल शासक बना |

 

दरबारी कवि

*प्रमुख दरबारी कवि- हाजी मुहम्मद जहान, कतविभ चन्द्रभान

रचना- रास गंगाधर, गंगा लहरी

 

हिन्दी के प्रसिद्ध कवि

सुन्दर कवि राय, चिन्ता मणि, कवीन्द्र आचार्य

संगीतज्ञ- दीगर खां, लाल खां, जगन्नाथ, रामदास, महापात्र, सुखसेन आदि थे |

 

औरंगजेब

शासन का समय-(165-1707)

*औरंगजेब पूरे मुग़ल वंश में सबसे ज्यादा टैक्स वसूलने वाला शासक था |

*यह संगीत प्रेमी था इसलिए वीणा बजाता था |

*इसके गुरु का नाम- मुहम्म्मद हाकिम था |

*औरंगजेब को लोग आलमगीर,जिन्दापीर ाडी नामों से पुकारते थे

*सभी मुग़ल काल की सेनाओं में से सबसे ज्यादा हिन्दू औरंगजेब  के शासन काल में थे

*औरंगजेब के तीन पुत्र थे- शाहजादा मुअज्जम, शाहजादा आलम, शाहजादा कामबख्स

सिहांसन के लिए इन तीनो में युद्ध होता है और शाहजादा आलम ने दिल्ली के तख़्त पर अपना अधिकार जमा लिया|

 

 शाहजादा आलम

 *शाहजादा आलमका दूसरा नाम- बहादुर शाह जफ़र था

* शाहजादा आलम ने बहादुर शाह जफ़र के नाम से शासन किया ठीक ऐसी की तरह इसकी मृत्यु के बाद इसके चार पुत्रों में सिहांसन के लिए युद्ध हुआ जिसमे जहदर शाह ने सभी को हरा कर बादशाह बना |

 

जहादर शाह

जहादर शाह  को फर्रूखाशियर ने हटाया और बादशाह बना

 

 

फर्रूखाशियर

*फर्रूखाशियर के समय में ही 1719 में छत्रपति शाहू से सन्धि हुयी

*यही समय मराठो का प्रथम बार दिल्ली में आगमन हुआ

*फर्रूखाशियर जिन सैयद भाईयों की मदद से सिहांसन पर बैठा था उनकी अनदेखी की जिससे उसे गद्दी से हटा कर बहादुर शाह जफ़र के पौत्र को बादशाह बना दिया |

 

बहादुर शाह का पौत्र(अहमदशाह)

*शासन कल का समय- 3 माह तक

*अहमदशाह के सहसा काल में ही नादिरशाह ने आक्रमण करके तख़्त--ताउस, कोहिनूर हीरा तथा हजारों दास लूटकर ईरान वापस लौट गया इसके बाद मराठों का गुजरात, मालवा,बुन्देलखण्ड पर  अधिकार हो गया और मुगलों का बहुत ही तेजी से पतन हुआ|

कुछ समय के बाद अहमदशाह की मृत्यु हो गयी इसकी के बाद आलमगीर द्वितीय मुग़ल सिहांसन पर बैठा |

 

आलमगीर द्वितीय

 

*आलमगीर द्वितीय के शासन काल में अब्दाली का दिल्ली में आक्रमण हुआ|

1758 में आलमगीर द्वितीय के वजीर ने उसकी हत्या कर दी |

 

शाहजहाँ द्वितीय(आलमगीर द्वितीय का पुत्र)

इसने 1 साल तक शासन किया इसके बाद आलमगीर द्वितीय के पुत्र अली गौहर ने 1759 में स्वयं को शाहआलम द्वितीय के रूप में बादशाह घोषित कर लिया| |  

 

शाहआलम द्वितीय

यह आलमगीर द्वितीय का पुत्र था इसका वास्तविक नाम अली गौहर था |

 

अकबर द्वितीय

 

बहादुर शाह जफ़र द्वितीय

बहादुर शाह द्वितीय अंग्रेजीं के समय काल तक मुग़ल साम्राज्य को सभालता रहा| सन 1857 के विद्रोह के पश्चात् अंग्रेजों ने उसे बंदी बनाकर रंगून भेज दिया इस प्रकार मुग़ल सल्तनत का पूरी तरह से पतन हो गया  

 

 

 

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